अब तो झूठ मत बोलो 😴
ये हमारे विशिष्ट मध्यमवर्गीय घरवाले 😐 पता नहीं क्यूं तो ऐसा सोचते है कि हम बहुत जरूरी काम कर रहे है, हमें किसी भी काम के लिए परेशान करना ठीक नहीं, क्यों न कितनी ही परेशानी उन पर आ जाएं.. हमें परेशान नहीं करना है, न ही बताना है 🤐 और इसी कारण हम इस परेशानी में रहते है कि उन पर कोई परेशानी आ भी जायेगी तो न वो हमें बताएंगे, और न ही हम उनकी मदद कर पाएंगे, हमेशा सोचते रहते कि शायद उन्हें कोई परेशानी हो रही हो तो भी वो हमसे झूठ बोल रहे है कि सब चंगा है 🙂 अब इन्हें कौन समझाए कि हमारे लिए तो सबसे ज्यादा खास आप हो.. आपके लिए ही तो सब कर रहे हम भी.. ये काम धाम सब आपके लिए ही है.. आपके और हमारे अच्छे के लिए.. हम साथ रहें, हम खुश रहें, हम सुखी रहे बस, यही सबसे ज्यादा जरूरी है, विश्वास करें... कि अब हम भी समझदार हो गए है 🤗😊 --घर से दूर रहने वाले लोगों की व्यथा 🤓