Posts

Showing posts from January, 2022

नये जमाने के भिखारी

पिछले कुछ महीनों से Youtube Facebook जैसी साइट्स पर भीख मांगने वाले विज्ञापनों की भरमार सी हो गई है... इन विज्ञापनों में किसी असहाय, लाचार लोगों को एक प्रोडक्ट की तरह पेश किया जा रहा और उनकी बेबसी दिखाकर पैसे मांगे जा रहे। हो सकता है उनका उद्देश्य शायद सही भी हो.. लेकिन जितना ये NGOs विज्ञापन आदि पर खर्च कर रहे उससे अच्छा तो हजारों लोगों की मदद हो गई होती। और ये लोग विज्ञापन दिखा भी किसे रहे... हम जैसे आम लोगों को... जिनके पास पैसे की भले ही कमी हो सकती है, लेकिन मदद मांगने और मदद चाहने वालों की कोई कमी नहीं है... हम जैसे लोगों को किसी की मदद करने और दान-दक्षिणा करने के लिए किसी NGO की जरूरत नहीं है, हम अपने आसपास ही नजर दौड़ाएं तो हजारों लोग ऐसे मिलेंगे जिन्हें सच में मानवीय मदद की जरूरत होती है। सुना है और कई बार सामने भी देखा है, भीख मांगने को एक धंधे की तरह अपनाकर लोगों ने बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स खड़ी कर रखी है। बस इसी तरह की स्कीम अब ये ऑनलाइन भी चलाने लगे है, अपने सामने भिखारियों को देखकर हम थोड़ा अंदाज तो लगा ही लेते थे कि क्या सच में इसे जरूरत है या नहीं। लेकिन ऑनलाइन में तो लाचार

Don't Judge

"लोग ऐसे तो बड़े जज बने फिरते है...." लेकिन सच्चाई तो ये है कि हमारे देश में अभी तक ऐसा कोई सही सिस्टम ही नहीं बना है, जिससे कोई साधारण आदमी किसी न्यायालय में न्यायधीश बनने की या अपने बच्चों को न्यायाधीश बनाने की सोच सकें। देश को संभालने वाले प्रमुख अंग ब्यूरोक्रेट IAS, IPS आदि एक बहुत कठिन तपस्या (UPSC परीक्षा) के बाद सिस्टम में आते है, सांसद, विधायक, मंत्रीगण अपनी लोकप्रियता के बावजूद भी निर्वाचन की प्रक्रिया से चुन कर आते है। लेकिन न्यायाधीशगण को चुने जाने की कोई खास पारदर्शी प्रक्रिया नहीं है, इसके बावजूद भी वो लोकमत की सरकार के बनाए कानून को पलटने की ताकत रखते है। हास्यपद है, लेकिन होता यही है। इसमें बदलाव की जरूरत है, जिसके लिए एक वर्तमान सरकार ने एक ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विस लाने पर विचार कर रही है। लेकिन 2 दिन पहले देश के कानून मंत्री ने संसद में बताया कि देश के विभिन्न न्यायालयों में केवल 2 उच्च न्यायालय और 30 में से 2 राज्य को छोड़कर कोई भी ऐसे किसी बदलाव का समर्थन नहीं कर रहा है। मुझे ये अटपटा नहीं लगा, क्योंकि ये किसी भी समझदार की समझ से शायद ही परे होगा कि क्यो