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50 questions for your beautiful life

 कुछ ऐसे सवाल है जिनके जवाब आपकी कई सारी दुविधाओ को मिटा सकते ; हमे सही रास्ता दिखा सकते है| प्रश्न: 1. यदि हम हमारी गलतियों से ही सीखते है तो गलतीयाँ करने से इतना डरते क्यों है? 2. क्या difference है, जिंदा होने में और वाकई जीने में ? 3. जो धर्म प्रेम और भाईचारे का सन्देश देते है, आखिर उनके कारण इतनी लडाइयां क्यों होती है? 4. क्या आप उसी तरह के मित्र है जैसा आप स्वयं के लिए चाहते है? 5. क्या प्यार और sex equal है? 6. अगर भारत की currency रुपये न होकर ‘खुशियाँ’ होती, तो आप कौनसे कार्य करते जो आपको सबसे अमीर बना देती? 7. क्या आप वो कर रहे है जिसमे आपको विश्वास है? या आप उसी को स्वीकार कर चुके है जो आपको मिल रहा है? 8. अगर इंसानों की उम्र केवल 40 वर्ष होती, तो आप कैसे जीते इसे? 9. आप किस्मे अधिक विश्वास रखते है? सही तरह से कार्य करने में या फिर सही कार्य करने में? 10. अगर आपको ये पता चल जाए, की आप जिन्हें भी जानते है उनकी कल मृत्यु हो जायेगी तो आप आज किसे मिलने जायेंगे? 11. अगर आप किसी नन्हे बच्चे को केवल एक advise देना चाहे तो वो क्या होगी? 12.

INDIA's name

*INDIA's name and a sort description on each* INDIA, The name is derived from the name of the Indus(Sindhu River) and has been in use in Greek since Herodotus a king of 4th century BC. The term has appeared in Old English since the 9th century and again in Modern English since the 17th century. BHARAT, According to the Puranas, this country is known as Bharatavarsha after the king Bharata Chakravarti. HINDUSTAN, The name Hind (Persian:هند‎) is derived from the Iranian equivalent of Sindh. ThePersian-stān means "country" or "land". JAMBUDVIPA, Jambudvipa was used in ancient scriptures for the name of India before Bharata became the official name scriptures began using. NABHIVARSHA, According to the Bhagavata Purana, before India was called Bharatvarsha, it was known as Nabhivarsha after King Nabhi Rajah, the son of Agnidhara (ruler of India) and father of Rishabha. TIANZHU, Tianzhu is Chinese name for ancient India, translates roughly to "heaven centre

धर्म का अर्थ

*धर्म* ये धर्म आखिर है क्या? जिसके लिए लोग मरने-मारने के लिए तैयार रहते है, जिनके कारण हजारोँ की जाने चली जाती है दंगोँ मेँ । यह सवाल मन मेँ कई बार उठा , सोचा चलोँ कुछ सोचते हैँ । वास्तव मेँ धर्म का मतलब होता है, आचरण । संसार का सबसे प्राचीन धर्म सनातन (हिन्दू) धर्म है जिसका कोई स्थापक नहीं है या ज्ञात नहीं है। यह एक श्रेष्ठ धर्म है प्राचीन ऋषियों ने लोगों के अच्छे आचरण के लिए कुछ नियम बनाएँ जिन्हें संकलित कर लिया गया । इन नियमों के समूह को ही धर्म की सँज्ञा दी गई । बाद में इसके कारण कुछ कुरीतियाँ भी समाज में फैलने लगी। इन कुरीतियोँ को समाप्त करने के लिए अलग-अलग आवश्यकतानुसार अन्य धर्म भी स्थापित होते गए किन्तु कुरीतियाँ पुनः उत्पन्न होती गई, जिसका कारण कुछ लोगोँ का स्वार्थ तथा अन्य की अज्ञानता व अँधविश्वास हैँ । सभी धर्मों का सार लगभग एक ही है यदि जानना चाहते हो तो सभी धर्मों के ग्रंथों को उठा कर देख लीजिए। ध्यान रखिए हमारे धर्मोँ का असली ज्ञान हमारे धर्मग्रन्थोँ मेँ हैँ , हमारा ईश्वर हमारे हृदय में है। यदि हम समाज का भला चाहते हैं और हमारे पुर्वजोँ की तरह परमज्ञानी बनना चाहते है त

Gourav Bisen गौरव बिसेन

I continuously try to become good,, & now I'm happy because I'm better than my past..