Posts

Showing posts from March, 2025

तेजोमण्डिता उज्ज्वला भवाम्यहं शक्ति: शिवालिका ||

Image
जब हम देवी पार्वती का नाम लेते है, तो वो देवी जो भगवान शिव की अर्धांगिनी है, उनका चित्रण मन में आता है । लेकिन जब हम शक्ति स्वरूपिणी माँ दुर्गा का नाम लेते है, तो माता का एक अलग स्वतन्त्र रूप , माता की एक अलग पहचान हमें दृष्टिगोचर होती है। वो देवी जिनका शिव की ही तरह ना आदि है ना अंत वो है माँ दुर्गा। सांख्य दर्शन अनुसार शिव अगर पुरुष है तो माँ दुर्गा प्रकृति दोनों का एक अलग अस्तित्व लेकिन दोनों एक दूसरें के बिना अधूरे। शक्ति और शिव में समानता का भाव है दोनों में कोई ज़्यादा महत्व का हो या कोई कम महत्व का हो ऐसा बिल्कुल नहीं है । जब भी कोई विकट सामाजिक परिस्थिति होती तो शिव हो या माँ शक्ति अकेले ही उनसे निपटने के लिए सक्षम होते। ना हलाहल विष पीने के लिए शिव को माँ पार्वती की ज़रूरता पड़ी, और ना ही महिषासुर वध के लिए माता को शिव की । लेकिन अपने व्यक्तिगत जीवन में तो शिव और शक्ति दोनों को एक दूसरे की इतनी जरूरत होती है, कि माता ने जहाँ शिव को पाने के लिए हज़ारों वर्षों की कठिन तपस्या की, तो वहाँ शिव भी उनके वियोग में तीसरा नेत्र खोल सृष्टि संहारक तांडव करने लग गए।  ये शिव-शक्ति युगल,...