Posts

Showing posts from December, 2024

इतिहास - भूतकाल में घटित सच्चाई या फिर मनगढ़ंत कहानियाँ

बचपन में इतिहास की किताबें कहानी की तरह पढ़ डालता था । फिर समझ आया कि ये घटनाएं सच्ची है। लेकिन अब बड़ा होने पर उसमें इतने फेरबदल देख रहा हुं कि लगता है उन सब किताबों को कहानी समझना ही ज़्यादा सही था। असली इतिहास अगर जानना है तो सारा देश घूमों और हर जगह बने ऐतिहासिक भवनों, संग्रहालयों, मंदिरों और मूर्तियों के खंडहर देखों। बहुत- सी बातें अपने आप समझ आ जायेगी। सभी को कार्तिक पूर्णिमा की ढेर सारी शुभकामनाएं।  आज गुरुनानक जयंती के कारण सरकारी अवकाश है। गुरुनानक जी के प्रति श्रद्धा-स्वरूप उनके दर्शन के बारे में जानने के लिए पढ़ना शुरू किया ही था कि उनकी जन्मतारीख देखा तो 15 अप्रैल 1469 ई. दिखी। अलग-अलग जगहों पर बहुत खोजबीन करने पर यही तारीख सही लगी। फिर देखा कि ऐसा कि ऐसा कोई तो कैलेंडर होगा जिसमें कभी कार्तिक पूर्णिमा Oct-Nov की जगह अप्रैल में आ गई हो या ऐसा कुछ तो होगा जिसके कारण तिथियों में ये फेरबदल हुआ हो.. कुछ साक्ष्य नहीं मिले। कुछ स्रोतों के अनुसार गुरुनानक जी के जन्म के 399 साल बाद 1868 ई. पहली बार गुरु नानक जयंती वैशाखी की जगह कार्तिक पूर्णिमा को मनाई गई। इसका कारण जो भी मिले ...

किसानों पर एक एहसान करना, कि उनपर कोई एहसान ना करना

पिछले कई सालों से था, ये ख़याल मेरे मन में, अब टैक्स पर बात छिड़ी ही हैं, तो चलो आज कह देते हैं। 🌾किसानों पर टैक्स लगाना चाहिए, ज़रूर लगना चाहिए।🌾 ऐसा मैं इसीलिए कह रहा हूँ क्योंकि हर कोई अपने आस-पास के क्षेत्र में ही देख लेना ऐसे कितने समृद्ध किसान होंगे जो साल में 2 फसल निकालने के बाद भी आय 3-5 लाख से ज़्यादा की आय निकाल पाते होंगे वो भी फसल एकदम अच्छी होने पर ही। देश में बड़े से बड़ा किसान भी आज 10 लाख के ऊपर शुद्ध आय नहीं निकाल पाता होगा। तो इस हिसाब से एक आम किसान तो कहीं से कहीं तक आयकर के दायरे में नहीं आने वाले। मैं तो चाहता हूँ कि ये टैक्स की लालची सरकारें कम से कम इसी आयकर के लालच के चलते हम किसानों की आय भी बढ़वाने वाली योजनाओं पर काम करें। … हम किसान बराबर बदनाम है कि टैक्स नहीं पटाते जबकि हमारे नामपर बहुत से ख्यातिप्राप्त और बड़े बड़े व्यवसायी लोग अपनी आय कृषि में दिखाकर टैक्स में भयंकर लाभ लेते है। स्वतंत्रता के पहले तो टैक्स किसानों पर ही लगता था.. कोई भी काल हो प्राचीन, मध्य या ये अंग्रेजों का क्रूर आधुनिक काल। तो अब ऐसा क्यों है कि किसानों को आयकर के दायरे से बाहर रख...