किसानों पर एक एहसान करना, कि उनपर कोई एहसान ना करना
पिछले कई सालों से था, ये ख़याल मेरे मन में, अब टैक्स पर बात छिड़ी ही हैं, तो चलो आज कह देते हैं।
🌾किसानों पर टैक्स लगाना चाहिए, ज़रूर लगना चाहिए।🌾
ऐसा मैं इसीलिए कह रहा हूँ क्योंकि हर कोई अपने आस-पास के क्षेत्र में ही देख लेना ऐसे कितने समृद्ध किसान होंगे जो साल में 2 फसल निकालने के बाद भी आय 3-5 लाख से ज़्यादा की आय निकाल पाते होंगे वो भी फसल एकदम अच्छी होने पर ही। देश में बड़े से बड़ा किसान भी आज 10 लाख के ऊपर शुद्ध आय नहीं निकाल पाता होगा।
तो इस हिसाब से एक आम किसान तो कहीं से कहीं तक आयकर के दायरे में नहीं आने वाले। मैं तो चाहता हूँ कि ये टैक्स की लालची सरकारें कम से कम इसी आयकर के लालच के चलते हम किसानों की आय भी बढ़वाने वाली योजनाओं पर काम करें। …
हम किसान बराबर बदनाम है कि टैक्स नहीं पटाते जबकि हमारे नामपर बहुत से ख्यातिप्राप्त और बड़े बड़े व्यवसायी लोग अपनी आय कृषि में दिखाकर टैक्स में भयंकर लाभ लेते है।
स्वतंत्रता के पहले तो टैक्स किसानों पर ही लगता था.. कोई भी काल हो प्राचीन, मध्य या ये अंग्रेजों का क्रूर आधुनिक काल। तो अब ऐसा क्यों है कि किसानों को आयकर के दायरे से बाहर रखा जा रहा?
बहुत से किसान हितैषी संगठन हो सकता है किसानों के ऊपर टैक्स का विरोध करें ये सोचकर कि इससे किसानों की हालत और ख़राब होगी। लेकिन हालत ख़राब तो तब होंगे ना जब टैक्स देना पड़ेगा।इसमें ख़ुद किसान को अपनी आय घोषित करना होगा ऐसा प्रोविज़न डाल सकते.. वो कितनी भी घोषित कर सकता, भले ही उसकी आय 15 लाख क्यों ना हो, वो इसे 5 लाख ही घोषित करें , ये उसकी स्वेच्छा होगी। क्योंकि इसमें जो किसान और उसका परिवार श्रम करता है उसको ख़र्चो में गिना जा सकता हैं। इसी प्रकार से हम इसके ऊपर अलग से कई तरह के एक्सम्पशन(छूट)और डिडक्शन (कटौती) की माँग कर सकते है। जिससे आयकर की लिमिट भले ही 20-30 लाख कर दी जायें पर टैक्स अवश्य लगना चाहिए किसानों पर, क्योंकि हम किसान देशभक्त है और टैक्स देकर देश की प्रगति में अपना योगदान ज़रूर देना चाहेंगे।
आय बढ़ेगी, तो किसान टैक्स ज़रूर देगा✌🏻
जय किसान🙏🏻
Comments
Post a Comment
Thanks