छोटी आदतें बड़ा परिवर्तन (विश्व पर्यावरण दिवस विशेष)

पर्यावरण की रक्षा तो हर कोई करना चाहता हैं
और fb & whatsapp पर तो करता भी है ; जैसे मैं कर रहा हूँ☺।

हर कोई ( मै भी ) कहता है कि प्रदूषण बेहद बढ़ गया हैं , ये गर्मी भी उसी का नतीज़ा है; ये जो जलवायु परिवर्तन हो रहा है उसी की वजह से है; ये बेमौसम बारिस ; फसलों की बर्बादी ; मँहगाई ; किसानों की आत्महत्या आदि का कारण बस प्रदूषण ही है।
अगर इसके लिए जरूरी कदम नहीँ उठाये गए तो बहुत देर हो जाएगी।

और इस चीज़ की वकालत भी बखूबी करते है कि सख्त कदम उठाएं जाने की आवश्यकता है। लेकिन ये कदम कौन से होंगे ये कोई नहीं जानना चाहता। बस सरकार और संस्थाओं से उम्मीद करता है कि वो कुछ करें।

लेकिन वो कदम सरकार के साथ-साथ हमें भी उठाने होंगे। हम प्रदूषण को खत्म तो नहीँ कर सकते लेकिन कम जरूर कर सकते हैं । इसके लिए वृक्षारोपण सबसे बेहतरीन और जाना पहचाना उपाय हैं , और भी बहुत से उपाय है जो आप जानते हैं , लेकिन बहुत कम ही कर पाते हैँ।

अब मैं उन उपायों की बात करूँगा जो हम बड़ी ही आसानी से कर सकते है, लेकिन समय आने पर या तो भूल जाते है या परिस्थिति ऐसी होती है कि हमें नकारना पड़ता हैं ।

पर्यावरण प्रदूषण के लिए मैं अपने आप को भी उत्तरदायी मानता हूँ और मेरी बहुत सी आदतें ऐसी भी है जो हम सब में हैं और प्रदूषण का कारण भी हैं । (ये स्वीकार करने में मुझे शर्मिंदगी तो बहुत महसूस हो रही है किन्तु सच स्वीकार करने में मुझे कोई संकोच नहीँ हैं )

मेरी बुरी आदतें-

*बेवजह छोटे से छोटे सामान के लिए भी दुकानदार से पॉलीथिन की माँग करना।
*चॉकलेट इत्यादि के रैपर्स कहीँ पर भी फेंक देना।
*बेवजह पानी बहाना।
*सफाई कर्मी को हीन दृष्टि से देखना।
etc.
बाकि आदतें तो मुझे याद नहीँ आ रही लेकिन मैं जानता हूँ और भी कई सारी है।


यदि ये आदतें आप में नहीँ है तो आपको सलाम,
किन्तु हैं तो आपके लिए ही है ये पैगाम।

दोस्तों
मुझे अभी तो वो आदते याद नहीँ किन्तु  मैं अब से उन आदतों को छोड़ने की कोशिश करूँगा और साल भर मैं इसी पोस्ट को शेयर करते हुए पर्यावरण प्रदूषण के लिए उत्तरदायी आदतों को बताऊंगा।
यदि ये आदतें आप में भी हो तो उन्हें छोड़ो और इस पोस्ट को शेयर करते हुए बताओं अपनी बुरी आदतें बताऊंगा ।
https://www.facebook.com/gouravbisenbgt

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