सभी कश्मीरी नागरिकों और कश्मीर हितैषी लोगों के लिए हर आम भारतीय का पैग़ाम 👇

सबसे पहले आपको एक नए सवेरे का सलाम🙏
हमारे प्यारे कश्मीरी भाइयों और बहनों हम तो सालों से कहते आ रहे थे कि #धारा370 और #35ए पर खुल कर बहस और वार्तालाप होना चाहिए और #कश्मीर को प्यार से ही भारत का हिस्सा बनना चाहिए और यही स्टैंड देश के लगभग हर आम नागरिक का वर्षों से बना हुआ है। और इसको लेके हमनें जल्दबाजी कहीं नहीं दिखाई हमनें सालों इंतजार किया, पर आज हमें ये फ़ैसला कुछ जबरदस्ती के साथ लेना पड़ा है, लेकिन ये बात भी सच है कि हम जैसे ही 370 या 35ए का नाम भी लेते,(हटाने की तो बात अलग ही है) तो कुछ राजनीतिक नेता बिगड़ने लगते थे, और इनको जरा भी छेड़ने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देने लगते। तो फ़िर ऐसे में ऐसा कैसे संभव हो पाता कि ये लोग राज़ी खुशी मान जाते। ये लोग ही कारण बने है इस जबरदस्ती का। भई इनको अगर थोड़ी सी भी भनक लग जाती ना तो ये कश्मीर में कत्लेआम करवा देते और इससे पहले करवाएं भी है।
और इतिहास गवाह है कि हमेशा ऐसे कत्लेआम और दंगो में इन्हें भड़काने वाले नेताओं का कुछ नहीं जाता, क्योंकि वो तो हाई क्लास सुरक्षा में रहते और उनके बच्चें भी विदेशों में पढ़ते। इन सब के बीच पिसते आम गुमनाम मामूली लोग और उनके बच्चें ही है, जिन्हें 370 का अभी कुछ इल्म भी नहीं होगा। इसीलिए दरख्वास्त है सभी भाइयो और बहनों से कि अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए कि ये जो नई शुरुआत हुई है इसे सहर्ष अपनाकर कश्मीर को एक बार फ़िर उसके दर्ज़ा मतलब जन्नत (स्वर्ग) बनाने में अपना योगदान दें। अगर सब कुछ सही रहा तो मुझे भविष्य बहुत ही उज्वल दिख रहा है कि कश्मीर अब शांत है, सारे देश की 125 करोड़ जनता एक साथ है और कश्मीर की टूरिज्म इंडस्ट्री बाक़ी सारे उद्योग धंधों को पीछे छोड़ देश के विकास की इंजिन बनने वाली है।

और जहां तक अभी हाल में जो कश्मीर में लोगों की आज़ादी का सवाल है तो बता दूं वहां धारा 144 लगी है और ये 370 की तरह ही अस्थाई है, और ऐसी स्थिति जिसमें उपद्रव फैलने का भय हो अगर भारत के किसी अन्य हिस्से में भी होती तो ये वहां भी लगाई जाती और लगाई जाती है अक्सर, लेकिन कश्मीर में बाहरी देश के हस्तक्षेप को देख उसकी तीव्रता का अधिक होना लाज़मी है। और ये देश के अन्य हिस्से के लोगों की तरह ही कश्मीर के आम लोगों के भले के लिए ही है ताकि वहां कोई उन्माद ना फैलाएं।

तो बात बिल्कुल सीधी है कि हम "भारत" कश्मीर के साथ कहीं से भी कोई भेदभाव नहीं करेंगे, और वहां भी उसी तरह व्यवहार होगा जैसे भारत के अन्य हिस्सों में होता है और भारत में लोगों के साथ सरकार का व्यवहार अच्छा ही होता है, ऊपर से नीतियां जनता हितैषी ही आती है। ये अलग बात है कि वो जमीं पे भ्रष्टाचार के कारण ठीक से आए ना आए जैसा कि कश्मीर में भी अब तक होता ही आया है, पर थोड़ा अंतर था देश में भ्रष्टाचार निरोधक बहुत–सी एजेंसी है जो कश्मीर में अब तक काम नहीं कर पा रही थी लेकिन अब वो काम करेगी और कश्मीर के आम लोगों तक सरकारी सहायता की पहुंच सुनिश्चित करेगी ताकि जो नेता कश्मीर हित के नाम पर लोगों को ठगते आए है वो और ना ठगे।

और अगर आपको कहीं से भी लगता है कि ये कदम कश्मीर की संस्कृति और कश्मीरियत की भावना पर हमला है तो मैं बता दूं, पूर्वोत्तर राज्यों के उदाहरण आपके सामने है वहां आज भी निवासियों को उनकी संस्कृति की रक्षा के लिए स्थानीय स्वशासन के अधिकार देश के संविधान ने धारा 371 के तहत दिए गए है। आप इस 371धारा के अन्तर्गत कश्मीर को लाने की मांग करें, भारत में एक स्वच्छ लोकतंत्र है, यहां आप शांति पूर्ण ढंग से हर जायज़ मांग कर सकते है।

Comments

  1. I also request to all my kashmiri peoples that celebrate this moment of happiness and be a part of our great India and it's diversity and be honest for our , your nation great India.Bharat mata ki Jai .Jai Hind Jai great bharat.

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    1. Thanks buddy, please share this message to everyone.

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