चमचों से सावधान

अगर जिंदगी में थोड़े भी सफल हुए हो ना, तो बस अपने चमचों से दूर रहना; क्योंकि चमचे लोग तुम्हें महानता का एहसास जरूर करा सकते, लेकिन महान नहीं बना सकते... उसके लिए तो तुम्हारा आचरण और मेहनत ही काम आएगा। चमचे तुम्हें अहंकारी बना देते है और तुम्हारी तरक्की में सबसे बड़ी बाधा होते है। और हां तुम वो चमन चुतिये होते हो जो मन ही मन खुद की तारीफ से खुश तो होते हो लेकिन असलियत में तुम्हारे पीछे हजार आलोचना होती है तुम्हारी नासमझियों की जो तुम्हें पता तक नहीं चलती।

कहते है की भारत के सिस्टम में अफसरशाही और लालफिताशाही हावी है, जो देश की तरक्की में बाधक है... हां सच कहते है,.. लेकिन इस अफसरशाही के पीछे की असली जड़ चमचागिरी हैं... और ये चमचागिरी अभी से नहीं है अंग्रेजो के समय से है... उनकी चमचागिरी करने वाले ही उत्तराधिकारी हुए और धीरे धीरे ये चमचागिरी हर सिस्टम में बैठे व्यक्ति के व्यवहार में आ गई... आज हर कोई पहले खुद अपने ऊपर वाले की चमचागिरी करता है.. और फिर ऐसी ही चमचागिरी की उम्मीद वो अपने नीचे वालों से रखता है... और निसंदेह लोग लगे भी हुए है... क्योंकि आज चमचागिरी एक प्रोटोकॉल बन गया है... और इस सिस्टम में अगर कोई चमचागिरी न करें तो उसे अशिष्ट और प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जता है।

नोट:- अपवाद हर जगह होते हैं।

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